Arshad Nadeem javelin throw : ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले अरशद नदीम को ससुर से गिफ्ट में मिलेगी भैंस

Arshad Nadeem javelin throw:-पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले अरशद नदीम के ससुर ने अरसद नदीम को गांव में एक भैंस गिफ्ट में दी है। गांव में अक्सर ऐसी परंपराएं रहती हैं जो की पूरी दुनिया को रोमांचित करती हैं। उनके गांव में उपहार में भैंस देना एक बहुत बड़ी बात है।

पाकिस्तान(Pakistan) के द्वारा भले ही ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता आसान नदीम(Arshad Nadeem) को बहुत सारे अवार्ड और पैसों से नवाज रहा हो वह बात अलग है उसी के साथ उनके ससुर की तरफ से दिए जा रहे गिफ्ट की खूब चर्चा हो रही है अरशद नदीम के ससुर उन्हें भैंस गिफ्ट कर रहे हैं ग्रामीण इलाकों में ऐसे गिफ्ट देने की परंपरा बहुत ही आम होती है

एक एजेंसी के मुताबिक रविवार को गांव में स्थानीय मीडिया से बात करते हुए अरशद नदीम के ससुर मोहम्मद नवाज ने कहा कि उनके गांव में भैंस का उपहार देना एक बहुत ही बहुमूल्य और सम्मानजनक माना जाता है इसलिए मैं आसान नदीम को एक भैंस गिफ्ट कर रहा हूं


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आखिर में उनके ससुर मोहम्मद नवाज ने कहा है नदीम को अपनी जड़ों पर बहुत गर्व था और सफलता के बावजूद भी उसका घर अभी भी गांव है और वह अभी भी अपने माता-पिता और भाइयों के साथ रहता था अरशद के ससुर ने कहा है कि उनके चार बेटी और तीन बेटियां हैं और उनकी सबसे छोटी बेटी आयशा की शादी नदीम से हुई है नवाज ने यह भी खुलासा किया है कि दंपति (अरशद आयशा) के दो बेटे हैं और एक बेटी भी है

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पंजाब प्रांत के खाने वालों के ग्रामीण इलाके से आने वाले आसन नदीम के पास ट्रेनिंग लेने और प्रतियोगिताओं के लिए विदेश यात्रा करने के लिए बहुत ही सीमित संसाधन थे गांव के साथियों और रिश्तेदारों ने पैसे उनको दान में दिए जिससे वह अपने शुरुआती दिनों में विदेश में जाकर कंपटीशन में भागीदार बन सके

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नवाज कहते हैं कि जब हमने 6 साल पहले अपनी बेटी की शादी अरशद नदीम के साथ की थी उसे वक्त वह छोटी-मोटी नौकरी करता था लेकिन अपने खेल के प्रति बहुत ही जुनून था और घर और खेतों में लगातार भाला फेंकने का अभ्यास करता रहता था

और नमाज आगे बताते हैं कि वह नाजिम की सफलता और प्रसिद्धि से बहुत खुश है भाला फेंक खिलाड़ी जो देश का पहला व्यक्तिगत पदक विजेता बने सभी के प्रति बहुत सम्मान रखना है जब भी हम हमारे घर आते हैं तो कभी किसी बात की शिकायत नहीं करता है और हर में जो भी होता है वही खाता है उनके दो बच्चे गांव के स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में जाने लगे हैं जबकि एक बेटा अभी छोटा है

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